ग़ज़ल
ना अता,ना पता
आदमी लापता
गुम हुई कब नदी
ऐ किनारे बता
हाल क्या गाँव का
क्या शहर जानता
खो चले स्कूल मे
बच्चे अपना पता
कर ज़रा सामना
दूर क्यों भागता
आदमी लापता
गुम हुई कब नदी
ऐ किनारे बता
हाल क्या गाँव का
क्या शहर जानता
खो चले स्कूल मे
बच्चे अपना पता
कर ज़रा सामना
दूर क्यों भागता
5 comments:
छोटे बहर की बेहतरीन गज़ल!
बहुत खूब डाक्साब " ना अता,ना पता/ आदमी लापता" मैं पूछने ही वाला था - manish
डाक्साब प्रणाम - होली की समस्त शुभकामनाएँ सभी परिजनों के साथ - सादर - मनीष
helo sir this is mahesh here .........nice to see u..........and love to read ur poetry's here.........
कम से कम अल्फाज मे क्या कहि दास्ता ......वा क्या बात है......खो चले स्कूल मे बच्चे अपना पता..........बहोत खुब कही.....सीधी दिलपे लगी
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