रफि़क़ शेख की आवाज मे सुनो:
अहमद फराज़ की दो गज़ले:
तमाम गझलप्रेमींयो के लिए
यह है नये साल का तोहफा:
रफिक़ शेख की ओर से.
आपकी राय उनको जरूर भेजे.
उनका सेल नं. :
9970279968
ई-मेल :
gulukar@gmail.com
तेरी बाते ही सुनाने आये :
जिंदगी से यही गिला है मुझे :
3 comments:
"बहुत सुंदर है, जी! नए साल का यह तोहफा!"
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ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, रंग-रँगीली शुभकामनाएँ!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संयुक्ताक्षर "श्रृ" सही है या "शृ", उर्दू कौन सी भाषा का शब्द है?
संपादक : "सरस पायस"
अच्छा लगा दोनों गज़लें सुन कर...आभार.
रावेंद्रकुमार रविजी,
Udan Tashtarijee,
धन्यवाद.
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